नयनसुख
सुन्दर मयूरपंख सरपे ,
नीले , हरे कपड़ो की पगड़ी इनमे लाल फूल है सजाए
ब्रजराज है आप,
आपकी ताजगी करोडो फूलों को हराए
नील रंग की अंगूठी
बादलों को सताए ,
कानोंमें मकर कुंडल आगे पीछे लहराए
कलाईयों में हार और ओंठो पे मंद मुस्कान
भटकते हुए मन के लिए जाल बिछाए
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